Navratri 2025 Special Now: Navratri में दुर्गा सप्तशती के सिद्ध मंत्रों का जप अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह मंत्र साधक को हर प्रकार के संकट, भय और पाप से मुक्त करने में सहायक होते हैं। माँ दुर्गा अपने भक्तों पर सदा कृपा बनाए रखती हैं और जो भी उन्हें सच्चे मन से पुकारता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि 2025 कब से शुरू हो रही है?
Navratri 2025 Special Now: चैत्र Navratri 2025 इस वर्ष 30 मार्च, रविवार से प्रारंभ हो रही है। यह नौ दिनों तक चलने वाला पावन पर्व है, जिसमें माँ के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। यह समय साधना, तपस्या और माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम होता है। माता के पूजन से जीवन के समस्त कष्ट, रोग और दुखों का नाश होता है।
Navratri 2025 में दुर्गा सप्तशती का महत्व
Navratri के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। यह ग्रंथ शक्ति साधना का प्रमुख आधार है और इसमें माँ दुर्गा की महिमा, उनकी शक्ति तथा भक्तों पर होने वाली उनकी कृपा का विस्तृत वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती में कई सिद्ध मंत्र दिए गए हैं, जिनका जप करने से मनुष्य सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा पा सकता है।
दुर्गा सप्तशती के सिद्ध सम्पुट मंत्र
Navratri में माँ दुर्गा के इन सिद्ध मंत्रों का जप करने से साधक भय, पाप और समस्त विपत्तियों से मुक्त हो सकता है। इन मंत्रों को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ जपना चाहिए।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
यह मंत्र माँ चामुण्डा को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इसके जाप से नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं और साधक की रक्षा होती है।
ॐ दुं दुर्गायै नमः।।
इस मंत्र के नियमित जप से जीवन की सभी परेशानियां समाप्त होती हैं और सफलता प्राप्त होती है।
ॐ सर्वमंगल माँ गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणी नमोऽस्तुते।।
यह मंत्र माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने, सभी बाधाओं को दूर करने और जीवन में शुभता व सफलता लाने के लिए जपा जाता है ।

Navratri 2025 Special Now: माँ दुर्गा की आराधना करें और इन मंत्रों का जप करके अपने जीवन को कष्टों से मुक्त करें।
1. सामूहिक कल्याण के लिए मंत्र इस प्रकार है-
देव्या यया ततमिंद जगदात्मशक्त्या
निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या।
तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां
भक्त्या नता: स्म विदधातु शुभानि सा न:॥
2. विश्व के अशुभ और भय का विनाश करने के लिए मंत्र इस प्रकार है-
यस्याः प्रभावमतुलं भगवानन्तो
ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च
स चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय
नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु॥
3. विश्व की रक्षा के लिए मंत्र इस प्रकार है-
या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः
पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः।
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा
ता त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्॥
4. विश्व के अभ्युदय के लिए मंत्र इस तरह है-
विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं
विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्।
विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति
विश्वाश्रया ये त्वयि भक्तिनम्राः॥
5. विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश के लिए मंत्र इस तरह है-
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद
प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं
त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥
6. विश्व के पाप-ताप निवारण के लिए मंत्र इस तरह है-
देवि प्रसीद परिपालय नोऽरिभीते-
र्नित्यं यथासुरवधादधुनैव सद्यः।
पापानि सर्वजगतां प्रशमं नयाशु
उत्पातपाकजनितांश्च महोपसर्गान्।।
7. विपत्ति नाश के लिए मंत्र इस प्रकार है-
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
8. विपत्ति नाश और शुभ की प्राप्ति के लिए मंत्र इस तरह है-
करोतु सा नः शुभेहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।
9. भय नाश के लिए मंत्र इस प्रकार है-
क) सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते।।
ख) एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्
पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायनि नमोऽस्तु ते।।
ग) ज्वालाकरालमत्युग्रमशेषासूरसूदनम्।
त्रिशूलं पातु नो भीतेर्भद्रकालि नमोऽस्तु ते।।
10. पाप नाश के लिए मंत्र इस तरह है-
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्ण्या या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽनः सुतानिव।।
Navratri 2025 Special Now: दुर्गा सप्तशती में दिए गए ये मंत्र अलग-अलग पूजा पद्धति के साथ सिद्ध किए जाते हैं। इनके पीछे आपकी कामना पवित्र होनी चाहिए।