India Budget 2025 Special Update Now: 10 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री करेगी सरकार?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बार टैक्सपेयर्स को बजट से काफी उम्मीदें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार खपत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इनकम टैक्स घटाने पर विचार कर रही है। अभी नई और पुरानी, दोनों कर व्यवस्था में 10-15 लाख रुपये से ज्यादा सालाना इनकम वाले लोगों को सबसे ज्यादा 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है। ऐसे में सरकार 10 लाख रुपये तक की सालाना इनकम को टैक्स फ्री करने पर विचार कर सकती है।

वित्त मंत्री का रिकॉर्ड टूटेगा

निर्मला सीतारमण इस बार बजट पेश करके लगातार आठ बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाएंगी. इससे पहले, सी.डी. देशमुख ने 1951 से 1956 के बीच लगातार छह बार बजट पेश किया था. मोरारजी देसाई भी छह बार बजट पेश कर चुके थे, लेकिन उनके नाम पर कुल 10 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है. अब, निर्मला सीतारमण उनका रिकॉर्ड पीछे छोड़ने वाली हैं.

अब जब देश केंद्रीय बजट 2025 का इंतज़ार कर रहा है, यहां उन प्रधानमंत्रियों की सूची दी गई है, जिन्होंने कैबिनेट के प्रमुख के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान बजट पेश किया.

जवाहरलाल नेहरू (1958)

जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री भी थे. उन्होंने 1958 में बजट पेश किया था. दरअसल, तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी को मुंद्रा घोटाले के विवरण सार्वजनिक होने के बाद उसी वर्ष 12 फरवरी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे नेहरू को वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालना पड़ा. बजट के तुरंत बाद मोरारजी देसाई को वित्त मंत्री बनाया गया और उन्होंने अगस्त 1963 तक सेवा की.

इंदिरा गांधी (1970)

दूसरी बार जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में बजट पेश किया. मोरारजी देसाई के दूसरे कार्यकाल के बाद 1969 में इस्तीफा देने के बाद उन्होंने वित्त मंत्रालय का नियंत्रण अपने हाथ में लिया और 1970 का केंद्रीय बजट पेश किया. एक साल बाद उन्होंने गृह मंत्री यशवंतराव चव्हाण को वित्त मंत्री नियुक्त किया.

राजीव गांधी (1987)

राजीव गांधी ने जनवरी और जुलाई 1987 के बीच कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और 1987 का बजट पेश किया, ऐसा करने वाले वे तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री बने. दरअसल, बोफोर्स घोटाले के उजागर होने के बाद गांधी ने वीपी सिंह को वित्त मंत्री के पद से हटा दिया था.

न्यू टैक्स रिजीम पर हो सकता है वित्त मंत्री का फोकस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2020 में न्यू टैक्स रिजीम (New regime of income tax) की शुरुआत की थी। इसमें निवेश या होम लोन जैसी चीजों पर टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता, लेकिन टैक्स रेट कम हैं। पहले टैक्सपेयर्स ने इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन अब इसके तहत आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि सरकार इसे और भी अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश कर सकती है।

अब करीब 72 फीसदी टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल करने लगे हैं। इसकी बड़ी वजह है कि नई कर व्यवस्था काफी आसान है और इसमें बिना किसी झंझट के अच्छी-खासी रकम टैक्स फ्री हो जाती है। वहीं, ओल्ड टैक्स रिजीम में वही लोग हैं, जिन्होंने होम लोन ले रखा है या फिर टैक्स बचाने के लिए कई योजनाओं में निवेश कर रखा है।

कितने लोग फाइल कर रहे हैं जीरो ITR

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का असेसेटमेंट ईयर 2023-24 का डेटा बताता है कि आईटीआर फाइल करने वाले 70 फीसदी लोगों ने जीरो रिटर्न फाइल किया। इसका मतलब है कि उनकी सालाना कमाई 5 लाख रुपये या इससे कम थी। वहीं, रिटर्न फाइल करने वाले 88 फीसदी लोगों की इनकम 10 लाख रुपये से कम और 94 फीसदी लोगों की 15 लाख रुपये से कम थी।

10 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री करेगी सरकार?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के डेटा से साफ जाहिर होता है कि सरकार को सबसे अधिक रेवेन्यू उन लोगों से मिलता है, जिनकी सालाना इनकम 10-15 लाख रुपये से ज्यादा है। ऐसे में 10 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री करने विचार कर सकती है। इससे मिडल क्लास तबके को बड़ी राहत मिलेगी। अर्थशास्त्रियों ने सरकार को 10-15 लाख रुपये वाले स्लैब में भी टैक्स घटाने का सुझाव दिया है। इससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे खपत और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मि

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