Mahakumbh Live 2025 Now: पीएम मोदी ने लगाई 11 डुबकी, 108 बार जपी रुद्राक्ष की माला

पीएम मोदी ने बुधवार को भक्ति-प्रेम-ज्ञान रूपी गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर लगे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम वाले महाकुंभ में अपने मौन से पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। मोदी ने विशेष मुहूर्त में अमृतमयी त्रिवेणी में 11 डुबकी लगाईं।

पीएम मोदी ने बुधवार को जिस मुहूर्त में संगम में स्नान किया वह दुर्लभ और – जप, तप और ध्यान के लिए बेहद शुभ माना जाता है। वर्ष 2019 के कुंभ में भी संगम में डुबकी लगाई थी। संयोग यह है कि 2019 में भीमा अष्टमी तिथि पर भरनी नक्षत्र और शुक्ल योग था और गुप्त नवरात्रि चल रही थी, वही योग महाकुंभ में मोदी के संगम में डुबकी लगाते समय भी रहा। 

इस समय भी गुप्त नवरात्रि चल रही है जो सात फरवरी तक है। गुप्त नवरात्रि को ध्यान, साधना, पूजन और सिद्धि के लिए बेहद अहम माना जाता है। शारदीय और वासंतिक नवरात्रि की तरह गुप्त नवरात्रि भी वर्ष में दो बार माघ और आषाढ़ माह में आता है। मोदी के लिए यह योग काफी अहम है, क्योंकि 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते समय भी यही योग था। 

2019 के कुंभ में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाईकर्मी प्यारे लाल, ज्योति, चौबी, होरीलाल और नरेश कुमार के पांव पखार कर सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया था। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में पीएम ने प्रचंड जीत दर्ज कर दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। पीएम पांव पखारेंगे ऐसी कल्पना भी सम्मान प्राप्त करने वाले सफाई कर्मचारियों ने नहीं की थी।

पीएम जब पांव पखार रहे थे तो यह पांचों सफाई कर्मचारी मानो निशब्द थे, बस नम आंखें ही बोल रही थीं। कुंभ नगरी के गंगा पंडाल के इस नजारे को देखकर अन्य सफाईकर्मियों तथा स्वच्छाग्रहियों की भावनाएं ऊफान पर थीं तो मोदी ने भी इसे अपने जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल बताया था। 

पीएम मोदी ने लगाईं 11 डुबकियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भक्ति-प्रेम-ज्ञान रूपी गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर लगे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम वाले महाकुंभ में अपने मौन से पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। मोदी ने विशेष मुहूर्त में अमृतमयी त्रिवेणी में 11 डुबकी लगाईं। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर देशवासियों के आरोग्य और कल्याण की कामना भी की।

मौनी अमावस्या स्नान हादसे के आठ दिन बाद बुधवार को पीएम मोदी सुबह करीब 10 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर उतरे। वहां से हेलीकॉप्टर से डीपीएस मैदान में उतरे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें लेकर अरैल घाट से मोटर बोट के जरिये 10:49 बजे संगम पहुंचे। मोदी-मोदी के नारों के बीच उन्होंने जेटी से ही जनता का अभिवादन किया।

सिंदूरी लाल ट्रैक सूट और नारंगी धारियों वाले गहरे नीले रंग का पायजामा पहने पीएम मां गंगा को प्रणाम करते हुए आगे बढ़े। गले में रुद्राक्ष की माला और हाथ में जप के लिए माला लिए पीएम ने गुप्त नवरात्र में भीमा अष्टमी तिथि पर भरनी नक्षत्र और पावन शुक्ल योग में स्नान किया। मंत्रोच्चार कर रहे पुजारियों के मुताबिक पीएम ने कुल 11 डुबकियां लगाईं।

इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पूर्वाभिमुख होकर करीब 10 मिनट तक 108 बार रुद्राक्ष की माला जपी। पीएम ने मां गंगा को चुनरी चढ़ाई। तांबे की लुटिया में लाए जल से सोना, काला तिल के साथ तर्पण-अर्पण भी किया।

स्नान के बाद काले रंग का कुर्ता व जैकेट, हिमाचली टोपी, सफेद पायजामा और गले में केसरिया गमछा डाले पीएम को पुजारी राजेश तिवारी, अभिषेक शुक्ला और गिरीश मिश्रा ने षोडशोपचार विधि से मां गंगा का दुग्धाभिषेक, आरती और सविधि पूजन कराया। पीएम ने देशवासियों के सुख-समृद्धि, आरोग्य और कल्याण की कामना की।

पीएम कुल 39 मिनट तक संगम तट पर रहे। फिर, 11:28 बजे सीएम योगी के साथ मोटर बोट पर सवार होकर अरैल स्थित हेलीपैड की तरफ बढ़े। भीड़ की ओर से मोदी-मोदी की गूंज सुनकर उन्होंने लोगों का अभिवादन किया। इस दौरान रास्ते भर सीएम ने उन्हें महाकुंभ के आयोजन से जुड़ी जानकारियां भी दीं।

मां गंगा का आशीर्वाद पाकर असीम शांति और संतोष मिला
लौटने के बाद एक्स हैंडल पर पीएम मोदी ने संगम में स्नान की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा… मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला। दूसरी पोस्ट में कुछ और तस्वीरों को साझा करते हुए पीएम ने लिखा कि प्रयागराज के दिव्य-भव्य महाकुंभ में आस्था, भक्ति और अध्यात्म का संगम हर किसी को अभिभूत कर रहा है।

पीएम इसके पहले 13 दिसंबर-24 को संगम आए थे। उस दौरान उन्होंने एक सभा को भी संबोधित किया था। हालांकि, इस बार वह जलमार्ग से संगम तक आए और यहीं से लौट गए। वीआईपी मूवमेंट से श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ न हो, इसलिए अन्य जगहों का कार्यक्रम नहीं रखा।

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुए विश्व से इस सबसे बड़े सांस्कृतिक-धार्मिक समागम महाकुंभ में अब तक 39 करोड़ से अधिक लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ का आखिरी स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा।

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