अनिल अंबानी, भारतीय उद्योग जगत के एक प्रमुख नाम हैं। वह रिलायंस समूह के प्रमुख थे, जिसे पहले उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने स्थापित किया था। अनिल अंबानी का जन्म 4 जून, 1959 को भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में हुआ था। वे धीरूभाई अंबानी और कोकिला बेन के सबसे छोटे बेटे हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अनिल अंबानी का बचपन काफी साधारण था, लेकिन उनकी शिक्षा में उत्कृष्टता की झलक बचपन से ही मिलती थी। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के सैंट माइकल हाई स्कूल से प्राप्त की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका गए। वहाँ उन्होंने ‘बैचलर ऑफ Science’ की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद ‘MBA’ की डिग्री भी हासिल की।
रिलायंस का विभाजन
धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद, रिलायंस समूह का विभाजन हुआ। इस विभाजन के बाद अनिल अंबानी को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर और रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज जैसी कंपनियों का नियंत्रण मिला, जबकि उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज का नेतृत्व किया।
विभाजन के बाद अनिल अंबानी ने अपनी कंपनियों को विस्तार देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, लेकिन यह यात्रा उतनी आसान नहीं रही।
अनिल अंबानी की कंपनियाँ
अनिल अंबानी ने कई प्रमुख क्षेत्रों में अपना पैर जमाया। उनके अधीन प्रमुख कंपनियाँ और समूह निम्नलिखित हैं:
- रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर – यह कंपनी पावर, कंस्ट्रक्शन और मेट्रो रेल परियोजनाओं से संबंधित है।
- रिलायंस कैपिटल – यह वित्तीय सेवाओं का प्रमुख समूह है, जिसमें म्यूचुअल फंड, बीमा, और लोन सेवाएँ शामिल हैं।
- रिलायंस पावर – यह कंपनी ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत है, और यह भारत में बिजली उत्पादन और वितरण में एक महत्वपूर्ण नाम है।

उनकी कंपनियां तेजी से कर्ज कम कर रही हैं। साथ ही अब उनकी कंपनियों को निवेशक भी मिलने लगे हैं। रिलायंस पावर अपने प्रमोटरों और चुनिंदा निवेशकों को नए इक्विटी शेयर या परिवर्तनीय वारंट जारी करके कुल 1,525 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।.
भारी कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी के अच्छे दिन आने वाले हैं? उनकी कंपनियां तेजी से अपना कर्ज कम कर रही हैं। साथ ही अब उनकी कंपनियों को निवेशक भी मिलने लगे हैं। शेयर बाजार ऑपरेटर संजय डांगी और इक्विटी निवेशक संजय कोठारी अनिल अंबानी की पावर कंपनी रिलायंस पावर में 925 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए तैयार हैं। ये दोनों हाई नेटवर्थ इनवेस्टर्स हैं।.
कंपनी का शेयर लगातार पिछले चार दिनों से अपर सर्किट छू रहा है। साल 2008 में 11,560 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने वाली रिलायंस पावर अपने प्रमोटरों और चुनिंदा निवेशकों को नए इक्विटी शेयर या परिवर्तनीय वारंट जारी करके कुल 1,525 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।
यह कदम रिलायंस पावर की कर्ज कम करने और अपनी ग्रीन एनर्जी इनिशिटिव्स को सपोर्ट करने की रणनीति का हिस्सा है। रिलायंस पावर की प्रमोटर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे कंपनी में उसकी हिस्सेदारी मौजूदा 23% से बढ़कर 25% हो जाएगी। जून 2024 की रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार रिलायंस पावर में रिलायंस इन्फ्रा की 80% हिस्सेदारी अभी लॉक है।
संजय डांगी ने इससे पहले रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस का अधिग्रहण किया था। उनकी इनवेस्टमेंट कंपनी ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को 675 करोड़ रुपये के शेयर या परिवर्तनीय वारंट आवंटित किए जाएंगे।

शेयर की चाल
इससे रिलायंस पावर में संजय डांगी को रिलायंस पावर में 6% की हिस्सेदारी मिलेगी। उनके पास अभी कंपनी में लगभग 2% हिस्सेदारी है। Enam के पूर्व एग्जीक्यूटिव संजय कोठारी सनातन फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज के माध्यम से रिलायंस पावर में 250 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
इससे उन्हें कंपनी में 1.7% हिस्सेदारी मिलेगी। रिलायंस पावर ने स्टॉक एक्सचेंजेज को बताया किया कि वह 33 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 46.2 करोड़ शेयर या परिवर्तनीय वारंट जारी करेगी। सोमवार को कंपनी के शेयर बीएसई पर 38 रुपये पर बंद हुए।
निष्कर्ष
अनिल अंबानी का जीवन एक प्रेरणा है, जिसमें सफलता और संघर्ष दोनों ही शामिल हैं। उन्होंने अपने पिता से प्राप्त विरासत को संजोने और उसे अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उनका सफर उतना सरल नहीं रहा। आर्थिक चुनौतियों और कर्ज के बावजूद, अनिल अंबानी का व्यवसायी जीवन कई सिखने योग्य पहलुओं से भरपूर है।